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IUI, IVF और ICSI में क्या अंतर है? – जानिये कौन सा इलाज़ है आपके लिए सबसे सही

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IUI, IVF और ICSI तीनो ही गर्भधारण में सहायक प्रक्रिया हैं पर तीनों में काफी अंतर है। Joyce IVF सेंटर में ये तीनों ही उपचार उपलब्ध हैं। इस लेख में हम इन उपचार की प्रक्रियाएं और ये किसके लिए लाभप्रद हैं उसपर रोशनी डालेंगे –

IUI – Intrauterine Insemination

इस प्रक्रिया में सबसे पहले स्त्री को ovulation induction यानी अंडे निकलने में सहायता देने के लिए कुछ दवाइयाँ और इंजेक्शन दिये जाते हैं। इससे एक से अधिक अंडाणु निकलते हैं ताकि गर्भधारण के लिए अधिक मौके मिल सकें। इसके बाद पुरुष पार्टनर से शुक्राणु लेकर उन्हें स्त्री के गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है।
इसमें लैब में भ्रूण नहीं बनते अपितु प्राकर्तिक गर्भधारण ही होता है और ये कम खर्च वाला और आसान इलाज है। एक दम्पति 3 से 4 बार IUI करवा सकते हैं, अगर फिर भी गर्भधारण न हो तो IVF की सलाह दी जाती है।

किसके लिए उपयोगी है IUI

• जो दम्पति unexplained infertility से जूझ रहे हैं
• जिन स्त्रियों में anti-sperm एंटीबाडी हो
• जो IVF नहीं करवाना चाहते
• स्त्रियों में endometriosis की समस्या आदि

IVF – In Vitro Fertilization

ये गर्भधारण की सबसे लोकप्रिय प्रक्रिया है क्योंकि इस से पॉजिटिव प्रेगनेंसी की संभावना अधिकतम होती है। IVF की प्रक्रिया में सबसे पहले ovulation induction ही करवाया जाता है IUI की तरह। अंडाणु के निकलने पर स्त्री के गर्भ से एक लम्बी सुई द्वारा अंडाणु निकाल लिया जाता है।
पुरुष पार्टनर के स्पर्म (शुक्राणु) और स्त्री के अंडाणु का निषेचन लैब में करवाया जाता है ताकि भ्रूण की प्राप्ति हो सके। भ्रूण के बनने पर उसे स्त्री के गर्भ में स्थापित कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया के 10 से 14 दिन के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है।

किसके लिए उपयोगी है IVF

• जिन स्त्रियों की टेस्ट ट्यूब में कोई दिक्कत है
• जिन दम्पति को IUI में असफलता मिली है
• जो अपने अंडाणु (egg freezing) और शुक्राणु पहले से फ्रीज करवा चुके हैं
• स्त्री या पुरुष में कोई ऐसी समस्या जो गर्भधारण में रुकावट पैदा कर रही है

ICSI – Intracytoplasmic Sperm Injection

ICSI में IVF के पूरे उपचार के साथ-साथ एक और प्रक्रिया शामिल होती है जिसमें पुरुष से जो शुक्राणु लिए जाते हैं उनमें से सबसे स्वस्थ, सही आकार और गुणवत्ता वाला एक शुक्राणु चुना जाता है।
उस एक शुक्राणु को लैब में स्त्री के अंडाणु में एक सुई द्वारा डाला जाता है जिससे भ्रूण की रचना होती है। भ्रूण के बनने पर IVF प्रक्रिया की तरह ही उसे स्त्री के गर्भ में स्थापित करके 10-14 दिन बाद प्रेगनेंसी जांच की जाती है।

किसके लिए उपयोगी है ICSI

• जिन पुरुषों के स्पर्म संख्या में कम हैं
• जिन पुरुषों के स्पर्म गुणवत्ता में कम है या सही आकार के नहीं हैं
• जिनकी पिछली IVF cycle में भ्रूण नहीं बन पाए थे
• जिनके स्पर्म की गति कम है आदि।

Joyce IVF को Best IVF centre in Delhi माना जाता है क्यूंकि यह पॉजिटिव प्रेगनेंसी के लिए जाना जाता है। हमारा अनुभवी स्टाफ मरीज़ दंपति की परेशानी और उसके पीछे के कारण समझ कर सबसे उचित इलाज़ की सलाह देते हैं। अगर आप भी संतान सुख से वंचित हैं तो आज ही कॉल करें +91 9311 577 812 पर।

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